वर्तमान समय में जीवन मूल्यों का ह्रास हो रहा है। आवश्यकता है कि विद्यार्थियों में योग्य संस्कार, चारित्रिक विकास, समाज के प्रति जिम्मेदारी तथा त्याग की भावना विकसित हो। मनुष्य अपने श्रेष्ठ गुणों, अच्छे कार्यो तथा नि:स्वार्थ सेवाओं के कारण प्रशंसा का पात्र बनता है।
मुझे प्रसन्नता है कि विद्यालय छात्रों के संस्कार एवं चरित्र निर्माण में अनवरत लगा हुआ है, मेरी शुभकामना है कि विद्यालय अपने लक्ष्य में पूणरूपेण सफल हो।